shreerkhomoeopathyhospital sagwara
गुर्दे की पथरी उपचार
होम्योपैथिक उपचार गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए बहुत असरदार होते हैं. इन दवाओं का सेवन करने से पथरी का आकार छोटा होता जाता है या फिर पथरी कई टुकड़ों में बंट जाती है.इससे स्टोन आसानी से शरीर के बाहर निकल जाते हैं.अगर एक बार होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन कर लिया जाए तो भविष्य में दोबारा किडनी स्टोन होने का खतरा कम हो जाता है.
गुर्दे और पित्त की पथरी के बनने के कई कारण हो सकते हैं
गुर्दे की पथरी के लक्षणों के बारे में जानकारी
पेशाब में जलन और दर्द होने के कारण
होम्योपैथिक दवाएं
होम्योपैथी में हर रोगी के शारीरिक व मानसिक लक्षणों को देखकर अलग दवा चुनी जाती है.
पित्त की पथरी का होम्योपैथिक प्रबंधन- पित्ताशय की पथरी छोटे, कठोर जमाव होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं.- पित्ताशय की पथरी के लिए कुछ जोखिम कारक, जैसे आनुवंशिकी और कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, नियंत्रण से परे हैं, एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से इसके गठन के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है.
गुर्दे और पित्त की पथरी के लिए आहार और टिप्स- फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे ताजे फल और सब्जियां, जूस, कम फैट वाले डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, नट्स, मसाले और फलियां.- ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.- नारियल पानी का सेवन.
होम्योपैथिक प्रबंधन और उपचार- पित्ताशय की पथरी छोटे, कठोर जमाव होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं¹.- पित्ताशय की पथरी के लिए कुछ जोखिम कारक, जैसे आनुवंशिकी और कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, नियंत्रण से परे हैं, एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से इसके गठन के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है¹होम्योपैथिक उपचार पित्त की पथरी के इलाज के लिए बहुत असरदार होते हैं.इन दवाओं का सेवन करने से पथरी का आकार छोटा होता जाता है या फिर पथरी कई टुकड़ों में बंट जाती है.इससे स्टोन आसानी से शरीर के बाहर निकल जाते हैं.अगर एक बार होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन कर लिया जाए तो भविष्य में दोबारा पित्त की पथरी होने का खतरा कम हो जाता है.होम्योपैथिक दवाएं
होम्योपैथी में हर रोगी के शारीरिक व मानसिक लक्षणों को देखकर अलग दवा चुनी जाती है.पित्त की पथरी के लिए होम्योपैथी में उपयोग होने वाली आम दवाएं हैं बर्बेरिस वल्गैरिस (Berberis vulgaris), चेलिडोनियम मेजस (Chelidonium majus), लाइकोपोडियम क्लावेटम (Lycopodium clavatum), और नक्स वोमिका (Nux vomica)
पित्त की पथरी के लक्षणों के बारे में अधिक जानकारी निम्नलिखित है:
पेट के दाहिने हिस्से में तेज दर्द.
बुखार और ठंड लगना.
उल्टी, मतली.
पीलिया.
पेट की सूजन.
shreerkhomoeopathyhospital sagwara-Dr.Rajneesh Jain