क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें समय के साथ आपकी किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे खराब होती जा रही है।
इसके कई कारण हो सकते हैं:
मधुमेह (डायबिटीज): यह CKD होने का सबसे आम कारण है। डायबिटीज में शुगर की उच्च मात्रा किडनी में रक्त वाहिकाओं को नुकसान
पहुंचाती है।
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): उच्च रक्तचाप किडनी के कामकाज को प्रभावित करता है और CKD का एक अन्य आम कारण है।
पथरी और अन्य गुर्दे की बीमारियां: गुर्दे की पथरी और अन्य बीमारियां भी CKD का कारण बन सकती हैं।
दवाओं और विषाक्त पदार्थों का अत्यधिक सेवन: कुछ दवाएं और विषाक्त पदार्थ किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
धूम्रपान और शराब: धूम्रपान और शराब का सेवन किडनी के लिए हानिकारक होता है और CKD का कारण बन सकता है।
सोडियम का अधिक सेवन: बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ावा देता है, जो किडनी के लिए नुकसानदेह होता है।
इन कारणों के अलावा, आनुवांशिकी और उम्र भी CKD के जोखिम कारक हो सकते हैं। CKD का प्रारंभिक चरण में अक्सर कोई
लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन बीमारी के बढ़ने पर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
भारत में क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के राष्ट्रीय आंकड़े |
प्रसार (Prevalence): भारत में CKD का अनुमानित प्रसार 800 प्रति मिलियन आबादी (pmp) है। |
घटना (Incidence): एंड-स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) की घटना 150-200 pmp है। |
भारतीय CKD अध्ययन (Indian CKD Study): इस अध्ययन में 31 मार्च 2020 तक कुल 4056 रोगियों को शामिल किया गया। औसत उम्र 50.3 वर्ष थी, और लगभग 67.2% पुरुष थे। लगभग 87% रोगी उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे, 37% में मधुमेह था, 22% में हृदय रोग था, और 23% ने वैकल्पिक दवाओं का उपयोग किया था। |
इन आंकड़ों से पता चलता है कि CKD भारत में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है और इसके प्रबंधन और रोकथाम के लिए जागरूकता
और संसाधनों की आवश्यकता है।
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) लक्षण (Symptoms) |
थकान और कमजोरी |
सूजन, खासकर पैरों और टखनों में |
भूख न लगना और वजन घटना |
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में |
रक्त में उच्च स्तर की क्रिएटिनिन और यूरिया |
CKD की रोकथाम के लिए स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण हैं। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का
नियंत्रण भी CKD की रोकथाम में सहायक होता है।
स्वस्थ आहार: संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, और पूरे अनाज शामिल हों।
नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधियाँ और व्यायाम करें जो रक्तचाप और शरीर के वजन को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
धूम्रपान और शराब से परहेज: धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें या बंद कर दें।
उच्च रक्तचाप का प्रबंधन: उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें, क्योंकि यह CKD का एक प्रमुख कारण है।
मधुमेह का नियंत्रण: यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं, तो अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखें।
नियमित जांच: नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट करवाएं, खासकर यदि आपको CKD का जोखिम हो।
दवाओं का सही उपयोग: दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें, खासकर वे दवाएं जो किडनी पर असर डाल सकती हैं।
इन उपायों के अलावा, यदि आपको किडनी से संबंधित कोई लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
क्या खाना चाहिए | क्या नहीं खाना चाहिए |
अनाज: गेहूं, चावल | अनाज: नया धान, मैदा1 |
दालें: मूंग दाल | दालें: उड़द दाल, काबुली चना, मटर, राजमा, सोयाबीन |
फल और सब्जियां: अनार, पपीता, शिमला मिर्च, प्याज, ककड़ी, टिंडा, परवल, लौकी, तोरई, करेला, कद्दू, मूली, खीरा, कुंदरू, गोभी | फल और सब्जियां: कीवी, बीन्स, टमाटर, किशमिश, खजूर, बेर, आलू, कटहल, बैंगन, अरबी (गुइया), भिंडी, जामुन, आड़ू, कच्चा आम, केला |
अन्य: लहसुन, धनिया, पुदीना, जायफल, जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल | अन्य: तेल, गुड़, समोसा, पकोड़ी, पराठा, चाट, पापड़, नया अनाज, खट्टे पदार्थ, सूखी सब्जियाँ, मालपुआ, भारी आहार जैसे छोले, ठंडा खाना, दही, दूध से बने पदार्थ (खोया, मावा), मांसाहार, शराब, धूम्रपान, ज्यादा नमक, तैलीय व मसालेदार भोजन, शहद, बेकरी उत्पाद |
सुबह: खाली पेट 1/4 गिलास गुनगुना पानी |
नाश्ता: 1/2 कप दूध + इडली (सूजी)/ 1 कटोरी पोहा/ उपमा (सूजी) / 1-2 पतली रोटी + 1 कटोरी सब्जी |
दिन का भोजन: 1-2 पतली रोटियां + 1 कटोरी हरी सब्जियां + ½ कटोरी दाल (मूंगदाल) |
शाम का नाश्ता: 1/2 कटोरी लई / चुरा / मूँग दाल + 1/2 कप दूध |
रात का भोजन: 1-2 पतली रोटियां + 1 कटोरी हरी सब्जियां |
मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के रोगियों के लिए आहार
मधुमेह के लिए आहार
क्या खाना चाहिए | क्या खाना से बचें |
जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और क्विनोआ | चीनी युक्त पेय और मिठाई |
फाइबर युक्त फल और सब्जियां | रिफाइंड अनाज और सफेद ब्रेड |
लीन प्रोटीन जैसे चिकन और मछली | ट्रांस फैट्स और हाई सोडियम वाले खाद्य पदार्थ |
स्वस्थ वसा जैसे नट्स, बीज, और एवोकाडो | अन्य: तेल, गुड़, समोसा, पकोड़ी, पराठा, चाट, पापड़, नया अनाज, खट्टे पदार्थ, सूखी सब्जियाँ, मालपुआ, भारी आहार जैसे छोले, ठंडा खाना, दही, दूध |
उच्च रक्तचाप के लिए आहार
क्या खाना चाहिए | क्या खाना से बचें |
पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, संतरा, और आलू | नमक और नमकीन स्नैक्स |
लो सोडियम खाद्य पदार्थ | फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ |
फाइबर युक्त अनाज और दालें | अल्कोहल और कैफीन |
ये सुझाव आपको एक स्वस्थ आहार योजना बनाने में मदद करेंगे। हालांकि, व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार आहार में बदलाव हो
सकते हैं, इसलिए आहार योजना बनाने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। यह आहार योजना एक सामान्य
दिशा-निर्देश है। आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार आहार में बदलाव हो सकते हैं, इसलिए आहार योजना बनाने से पहले अपने
डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के होम्योपैथिक उपचार |
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आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album): यहदवा तब प्रयोग की जाती है जब रोगी को अत्यधिक प्यास और जलन महसूस होती है, और उसकी त्वचा पीली पड़ जाती है। |
एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica): यह दवा सूजन और जलन के लिए प्रयोग की जाती है, खासकर जब शरीर में द्रव का संचय होता है। |
बेलाडोना (Belladonna): यह दवा गुर्दे की सूजन और दर्द के लिए प्रयोग की जाती है। |
कैंथारिस (Cantharis): यह दवा गुर्दे की सूजन और जलन के लिए प्रयोग की जाती है, खासकर जब मूत्र में रक्त आता है। |
ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus Terrestris) और बोएरहाविया डिफ्यूसा (Boerhavia Diffusa): इन दोनों दवाओं का मिश्रण CKD के उपचार में प्रयोग किया जाता है। |
https://shreerkhomoeopathyhospital.in Dr.Rajneesh Jain